स्वामी दयानंद सरस्वती
स्वामी दयानंद सरस्वती भारत की पवित्र भूमि पर अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया है , जिनमे एक नाम स्वामी दयानन्द सरस्वती का भी है बात सन 1824 की है। गुजरात राज्य में सदियों पहले एक जिला काठियावाड़ था। काठियावाड़ में एक गांव था टंकारा। यह एक छोटा सा गांव था। इस गांव में कृष्णलालजी तिवारी का परिवार रहता था। एक दिन तिवारीजी की पत्नी ने एक अबोध बालक को जन्म दिया। बालक के मुख पर एक अनोखा तेज व्याप्त था। यही बालक आगे चलकर स्वामी दयानन्द सरस्वती के नाम से प्रसिद्ध हुआ। बालक के माता - पिता उसे प्यार से मूलशंकर कहकर बुलाते थे। मूलशंकर की बचपन में भगवान पर आस्था थी , लेकिन एक दिन जब उन्होंने एक चूहे को भगवान् की मूर्ति पर चढ़कर प्रसाद कहते हुए देखा तो उन्हें मूर्ति - पूजा व्यर्थ प्रतीत हुए। सच्चे ज्ञान की प्राप्ति के लिए उन्होंने घर - बार छोड़ दिया। उन्होंने समस्त भारत का भ्रमण किया , वन - वन घूमे , अनेक कष्ट सहे ,...