Lankeshwar bhaye vibhishan - तुम्हरो मंत्र विभीषण माना लंकेस्वर भए सब जग जाना
तुम्हरो मंत्र विभीषण माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
आपके परामर्श का विभीषण ने अनुसरण किया , जिसके फलस्वरूप वे लंकापति बने ,यह बात सारा संसार जानता है।
हनुमानजी को जो महामंत्र भगवान् शंकर ने दिया , हनुमानजी ने उसे सिद्ध किया और सबसे पहले सुग्रीव को दिया। सुग्रीव बहुत कमजोर व्यक्ति थे लेकिन इस मंत्र के प्रभाव से बाली जैसे बलवान राजा को मार कर किष्किंधा के राजा बन गए। दूसरी बार यह मंत्र हनुमानजी ने विभीषण को दिया। विभीषण से भी कमजोर कोई नहीं था लंका में। रावण जैसे शक्तिशाली राजा को वो कभी परास्त नहीं कर सकते थे। लेकिन उनमें भी वही खूबी थी जो सुग्रीव में थी। उन्होंने हनुमान रूपी सद्गुरु को मन -कर्म वचन से धारण कर लिया। उनसे वह मंत्र ले लिया। राम रसायन की तकनीक जान ली। राम रसायन की तकनीक ऐसी आ गयी की उस समय धुरंधर ,वीर , प्रतापी राजा को परास्त कर दिया और क्षण भर में वे राजा बन गए। आखिर क्या खूबी है इस मंत्र में जो उन्होंने सुग्रीव को यह मंत्र दिया तो वह राजा बन गया। तत्पश्चात अपने पुत्र मकरध्वज को दिया वह भी राजा बन गया। आखिर तुम लोग क्यों नहीं बन रहे हो। सोचो। इसलिए की यह मंत्र समर्थ सद्गुरु द्वारा सिद्ध होने के पश्चात ही फलित होता है। श्री राम जय राम जय जय राम यह मंत्र छः जोड़ा है। सातवां श्री आधा है। यह सहस्रार का प्रतिक है। यह मंत्र छः चक्रों मूलाधार से लेकर आज्ञाचक्र तक यात्रा करते हुए इस संसार में धन, संपत्ति ,ऐश्वर्य को प्राप्त कराते हुए अंत में उस परमात्मा को प्राप्त करा देगा। इसलिए राम रसायन इस मंत्र को सिद्ध करके तुमको भी दिया जा रहा है। तुम लोग भी राजा की तरह जिओ ,राजा की तरह रहो। यह राम रसायन राजा बनने की विधि विद्या है। सद्गुणों , धर्म , गुरु भक्ति परोपकार से युक्त राजा बनने की कला है।
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