Hanuman bhashya part-7 by (Acharya Kashyap)

 तेज प्रताप महा जग बंदन 






संकर सुवन केसरी नंदन। 

तेज प्रताप महा जग बंदन।।


हे शंकर के अवतार ! केसरीनन्दन ! आपके पराक्रम और महान यश की सारे संसार में वंदना होती है। 


तुलसीदासजी कह रहे हैं -हनुमानजी संकर के सुवन हैं और केसरी के नंदन हैं।  संकर के सुवन इसलिए हैं क्योंकी शंकरजी ने इन्हें गुरुमंत्र दिया है, गुरुमंत्र देने वाला भी पिता होता है अतः शंकरजी के ये मानसपुत्र हैं. गुरु रूप में उनकी कृपा भी इन्हें प्राप्त है।  केसरी के तो पुत्र हैं ही।  

तेज प्रताप महा जग बंदन।  

तुलसीदासजी कह रहे हैं - हनुमानजी संकर के सुवन हैं और केसरी के नंदन हैं। शंकरजी के ये रुद्रावतार भी हैं इस्सलिये उनका तेजबल भी इन्हें प्राप्त है।   हनुमान जी का अपूर्व तेज हे, प्रताप है , प्रताप यानि शक्ति।  तेज प्रताप वाले व्यक्ति की जग  वंदना करता है।  एक बार अंग्रेजों के काल में १९४० में दिल्ली में मीटिंग बैठी की काशी नरेश , छोटा नरेश है।  काशी नरेश से बड़ा, कश्मीर नरेश है , ग्वालियर नरेश भी है बहुत सब बड़े हैं इसलिए उसके आने पर क्यों वे खड़े हों ? तय हुआ की उनके आगमन पर कोई खडा नहीं होगा क्योंकि सभी नरेश उनसे बड़े हैं।  काशी नरेश दिल्ली पहुंचे।  दिल्ली आने के बाद मीटिंग में जाना ही था।  मृगछाला पहने , त्रिशूल व् कमण्डल लिए सर्प धारण किए  सभा में प्रवेश किया।  ज्योंही प्रवेश किया उनका तेज देखकर सभी हड़बड़ाकर खड़े हो गए की भगवान  शंकर आ गए।  पीछे से उनके अनुयायी ने नारा लगाया - बोलो काशी नरेश की जय हो।  सभी नरेश अवाक रह गए की हम सबने मीटिंग की थी की काशी नरेश के आने पर  खड़ा नहीं होंगे , हम उनसे बड़े हैं , पर उनके तेज ने आखिर सबको खड़ा कर ही दिया।  काशी नरेश अपने स्थान पर जाका बैठ गए।  यही तेज होता है।  जब तेज आएगा , प्रतिभसंपन्नता आएगी , तो विरोधी भी तुम्हारा स्वागत करेंगे।  यह मेरा स्वयं का अनुभव भी है।  मैं जिस सभा में गया हूं वहां विरोध करने वालों की भी बोलती बंद  हो जाती है। दौड़ -दौड़ कर पैर छूने लगते हैं।  यह तुम्हारा तेज , चाल और चरित्र का काम करता है।  इसी से तुलसीदासजी कह रहे हैं तेज प्रताप महा जग बंदन।  जिसमें तेज है , प्रताप  है , उसकी जग में वंदना  होगी।  जब तेज आ जाएगा फिर रोना नहीं पड़ेगा की हमारे लिए  यह ऐसा बोल देता है , वैसा बोल देता है।  ऐसा सोच लेता है , वैसा सोच लेता है।  तुम क्यों दूसरे की बात करते हो।  ऐसा कुछ करो की तेज प्रताप आ जाए।  


Comments

Popular posts from this blog

pavan tany sankt haran mangal murti rup - दोहा - पवन तनय संकट हरन ; मंगल मूरती रूप राम लखन सीता सहित। हृदय बसहु सुर भूप

jai jai jai hanuman gosai - जय जय जय हनुमान गोसाईं कृपा करहु गुरुदेव की नाईं

aapan tej samharo aapai - आपन तेज सम्हारो आपै तीनों लोक हांक ते कापै