durgam kaaj jagat ke jete - दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते

दुर्गम काज जगत के जेते। 

सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।। 


संसार के कठिन से कठिन काम आपकी कृपा से सहजता से पुरे हो जाते है। 


प्रत्येक कार्य  संसार का तुम्हारे लिए दुर्गम है।  जहाँ तुम काम के लिए हाथ डालते हो , कहते हो नहीं हो रहा है , चिंतित हो जाते हो लेकिन हनुमान जी का नाम  लेते ही वह सुगम हो जाएगा। इनका नाम लेकर राम रसायन के मंत्र का जाप करो तुम्हारा सब काम सुगम हो जाएगा।  तुम इस सृष्टि में भी सफल हो जाओगे और उस सृष्टि में भी।  दुर्गम काज को सुगम बनाना तो हनुमानजी के बाएं हाथ का खेल  है।  रामजी के सभी  दुर्गम काज हनुमानजी ने ही सुगमता से पुरे किए।  विपदाओं - आपदाओं का सामना करते हुए प्राण हथेली पर लेकर समुद्र लांघना , मृत्यु के साए में रावण की नगरी लंका में प्रवेश करना , सीता का पता लगाना , उन्हें प्रभु मुद्रिका देना , लंका में आग लगाना , घायल लक्ष्मण को जिलाने के लिए संजीवनी बूटी लाना , ये सभी तो दुर्गम काज थे।  जो उन्होंने सुगमता से पुरे किए।  और तो और जिस सूर्य की और आप नजर उठाकर देख तक नहीं सकते , हजारों योजन दूर उस सूर्य तक वे पहुँच गए , पहुँच ही नहीं गए उन्हें निगल भी लिया।  ऐसे ये महावीर हैं।  इनके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं।  भक्त के कार्य सुगम बनाने में ये सदैव तत्पर हैं। साधक गुरु की भक्ति में अपने को निष्काम रूप से अर्पित कर देता है।  तब उसके सारे कार्य का भार गोविन्द अपने ऊपर ले लेते हैं।  जिससे वह निमित्त बन जाता है।  सभी कार्य स्वयं पूर्ण होने लगते हैं।  वह  दुःख -सुख से भी अलग हो जाता है।  


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