sab par raam tapsvi raaja - सब पर राम तपस्वी राजा तिनके काज सकल तुम साजा
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा।।
राजा श्री रामचन्द्रजी सर्वश्रेष्ठ तपस्वी हैं , उनके सब कार्यो को आपने ही पूर्ण किया है।
ध्यान करना तपस्या करना यह सम्राटो का कार्य है। वह परमात्मा सम्राटो का सम्राट है। जो तपस्वी बन जाएगा उस परमपिता से एक हो जायेगा। वह भी सम्राटो का सम्राट बन जाएगा। राजा बन जाएगा तुलसीदासजी उसे हीं यहां तपस्वी राजा कह रहें। जिसने राम को धारण कर लिया जो राम मय हो गया यह तपस्वी राजा राम ही हो जाएगा। राजा बहोत है इस सृष्टि में। अभी भारत स्वतंत्र हुआ तब साढे पांच सो क्षत्री राजा थे। लेकिन यहां है तपस्वी राजा। राम एक धारा है, लहर है , उसमें जैसे ही मिल जाते हो तुम भी तपस्वी राजा बन जाते हो। तपस्वी तो राजा होते ही हैं। तपस्वी को महाराज कहते हो न। जैसे ही तुम तपस्या में चले जाते हो तो तुम राम स्वरूप हो जाते हो और जब तुम राम स्वरूप हो गए तब तुम्हे क्या करना है तुम्हारा सारा काम अब हनुमानजी स्वयं करने लगते हैं। सेवा में खुद जुट जातें हैं। राम जी भी कहते है जहां -जहां मेरे भक्त चलते हैं वहां - वहां काटा न गड जाए इसलिए में ही उनके पैरो के निचे अपना हाथ रख देता हु। वही बात हनुमानजी भी कहते हैं की तुम तपस्या में चले जाओ छोड़ दो घर की चिंता परिवार की चिंता सारा काम हम स्वयं करने लगेंगे। तुमको बिना तनख्वाह का सेवक मिल गया अब क्या दिक्कत है ? लेकिन तुमको अभी विश्वास नहीं है की उनके ऊपर पूर्णतः सब छोड़ कर तपस्या में लग जाए तो वह सब संभाल लेंगे। कम से कम एक साल के लिए तो लग जाओ राम रसायन में फिर देखो उनकी कृपा क्या होती है। यदि कृपा हो गई तो उसका पूरा फायदा तुम्हारा, नहीं हुआ तो मुझसे जोड़ कर हर्जाना लेलेना। सकल का अर्थ है दैहिक , दैविक , भौतिक दुखो से मुक्त कर हर प्रकार के सुख सुविधा से पूर्ण कर देंगे। तुम हर समय आनंद में रहोगे।
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